स्तोत्रसंग्रह

MTM, MTM 1: सरस्वतिस्तोत्रं, Start: श्रीगणेशाय नम:॥ श्री सरस्वत्यैनम:॥ श्री बृहस्पतिर्उवाच॥सरस्वतिनमस्यामि = चेतनां हृदि संस्थिता कण्ठास्थां पद्म = योनिं त्वां हृंकारां सुप्रियां सदा॥ (fol 1, digital image 001) ), End: इति श्री रुद्रयामले बृहस्पतिविरचितं = श्री सरस्वतिस्तोत्रम् शुभम्॥ (fol 3a, digital image 003); MTM 2: नीलसरस्वतिस्तोत्रम्, Sanskrit, Devangari, Start: श्रीगणेशायनम:॥ घोररुपे महा = रावे (!) सर्वशत्रुभभयंकरी॥ भक्तेभ्यो वर = दे देवी त्राहिमां शरणागतम्॥ (fol 3a, digital image 003), End: इति श्री नीलसरस्वती = स्तोत्रम्॥ (fol 4b, digital image 004);  MTM 3: वेदव्यासाष्टकम्, Sanskrit, Devangari; Start: श्रीगणेशायनम:॥ श्री वेदव्यासायन = म:॥ कलि मलास्तविवे^क^दिवाकरं समव = लोक्यतमोवलित्तं (!) जनम्॥करु^ण^या भुविद = र्शित विग्रहं मुनिवरम् तमहसततं भागे॥ (fol 4b-5a, digital image 004-005); इ^ति^ श्री ब्रंम्हानन्दविर = चितं श्री वेदव्यासाष्टकम् सम्पूर्णम्॥ (fol 6a, digital image 006); MTM 4: शीतलास्तोत्र, Sanskrit, Devangari, Start: श्रीगणेशायनम:॥ श्री शितलायै = नम:॥ स्कन्द उवाच॥भगवान् देवदे = (वे)शशीतलायास्तवं शुभम्॥ (xx) वक्तुमर्ह = स्य सेषेण विस्फोटक भयापहा॥ (fol 6b, digital image 006), End: इतिश्रीस्कंदपुराणे नन्दिके = श्वर सम्वादे सदाशिवप्रोक्त श्री शी = तलास्तोत्रम् सम्पूर्णं॥ (fol 10b, digital image 010); MTM 5: शीतलास्तोत्रम् (!)। Devanagari। Sanskrit; Start: श्रीगणेशायनम:॥ अस्यश्रीशीतला = स्तोत्रस्य महादेवऋषि:। अनुष्टुपछ = (न्द) शीत (ला) देवता॥ लक्ष्मीविजम्॥ भवा (x) = नि शक्ति:॥ सर्वविस्फोटक निवृतये = जपे विनियोग॥ (fol 10b-11a, digital image 010-11 ), End: इति श्रीस्कंदपुराणे शीतलाष्ट =  कस्तोत्रं संपूर्णम् (fol 13a, digital image 013 ); MTM 6: नवनागनामस्तोत्रम्, Sanskrit, Devangari,; Start: श्रीगनेशायनम:॥ अनन्तं वासुकिं शे = षम् पद्मनाभं च कंवलं॥ (fol 13a, digital image 013), End: इ(ति) श्रीनवनागनामस्तो =  त्रम् सम्पूर्णं॥ (fol 13b, digital image 013); MTM 7: शनिश्चरस्तोत्रम्, Sanskrit, Devangari,Start: श्रीगणेशायनम:॥ श्री दसरथोवाच = ॥ कोणे स्रितको रौद्रयामो स्थव^भु^: कृष्ण श = नि: पिंगलमन्दसौरि:॥ नित्यं समृतो यो ह = रतेन्त पीडां तस्मै नम: श्रीरविनन्दना =  य॥ (fol 14a digital image 014), End: इति श्री द = सरथप्रोक्तं श्री (x) श x नैश्चरस्तोत्रं सम्पूर्णम्= ॥ (fol 15b, digital image 015.tib);  MTM 8: नृसिहस्तोत्रम्, Sanskrit, Devangari, Start: श्रीगणेशायनम:॥ ॐ नमोभगवते तस्मै केस व = यमहात्मने॥ यत्रा (x) मकीर्त (x)नात् सद्यो नर: = का (x) ग्नि: प्रशाम्यति॥ (fol 16a, digital image 016), End: इति श्रीनृसिंहपुराणे नारकिकृत श्री = नृसिंह स्तोत्रमं सम्पूर्णम्॥ (fol 17a, digital image 017); MTM 9: महालक्ष्मीस्तोत्रम्, Sanskrit, Devangari, Start: श्री गणेशायनम:॥ श्री महालक्ष्म्यैनम:॥ इन्द्रोवाच (॥) नमस्तै S स्तु महामा x ये श्री पीठे सुरपूजिते॥सङ्खचक्रगदा हस्ते महालक्ष्मी ले (!) नमोस्तुते॥ (fol 17a-b, digital image 017), End: इतीन्द्रकृत श्री महालक्ष्मयाष्टक = स्तव संपूर्णम्॥ शुभं॥, Col: इति सम्वत 1984 = साल आष्वि (न) शुदी 6 रोज 7 (॥ श्री हेरम्वराज = उपाध्याय नमि xxxx शुभ्म्॥ (fol 18b, digital image 018), श्रीगणेश श्री भग्नपृष्टे कटिग्रीव ऊर्ध्व दृष्टि = रधोमुख:॥ कस्टेन लिखितम ग्रण्त्थं यत्तेनु = परिपालयेत्॥ (fol 19a, digital image 019). Calendar: 1985 (Vikram Samvat). Extent and format of original material: 36 folios. Physical characteristics: Indian paper (or any machine made paper), Top-bound, thread, 12.5cm x 10cm.