महादीपपूजा प्रशंसा

महादीपपूजाप्रशंसा, Sanskrit, Devanagari, conversation between Bhairava and Devi, Start: श्री गणेशाये नम: श्रीगुरूचरणकमलेभ्यो नम:॥श्री सिद्धेश्वराय नम:॥श्रीभैरव उवाच॥= कैलाशेजुंगशिखरे नानारत्नविराजिते॥ कल्पद्रुमवनकीर्णे स्वर्णपाषाणमंडिते॥ पद्म=राज शिलायुक्ता मणिमाणिक्य भूषिते॥ वसना कुसुमामोद गंधवाहैक वहिनी॥ नवरत्न= शिलाबद्ध पीठस्थं परमेश्वरं॥ देवदेवं जगन्नाथं पार्वतिसहितं विभुम्॥वसंतं चजपतं च=ध्यायेत व्रह्म साश्वतं॥ पलगाभरणोपेतं जटामुटुकं xxxतं॥ (इत्यादि) (fol 1, digital image 001);  End: ईति ह्रथोपरिहश=धा जप्य॥ सूर्यमंडलसंभुते वरूपालयसंभवे॥अभावीजभये देवी शुक्रं२॥ पाद्विमोच्यते॥ (fol 8, (digital image 008). Calendar: C 1970 (Vikram Samvat). Extent and format of original material: 8 folios. Physical characteristics: digital image 001; 22.5cm x 28cm.